पैनासोनिक इंडिया और उसके रिटेलर को जिला आयोग विशाखापत्तनम ने नए टीवी में होने वाली समस्याओं को दूर नहीं करने के लिए उत्तरदायी ठहराया।
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-1, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) की अध्यक्ष श्रीमती डॉ. गुडला तनुजा, श्री वर्री कृष्ण मूर्ति (सदस्य) और सुश्री रहीमुन्निसा बेगम (सदस्य) की खंडपीठ ने पैनासोनिक इंडिया और उसके रिटेलर, श्री साईं गणेश एंटरप्राइजेज को ग्राहक द्वारा खरीदी गई नई पैनासोनिक स्मार्ट एलईडी टीवी में निरंतर समस्याओं का समाधान करने में उनकी सामूहिक विफलता के लिए सेवा दोष के लिए उत्तरदायी ठहराया। पैनासोनिक इंडिया और उसके रिटेलर, श्री साईं गणेश एंटरप्राइजेज को स्मार्ट एलईडी टीवी की खरीद राशि वापस करने और शिकायतकर्ता को 20,000 रुपये मुआवजा और 5,000 रुपये बतौर मुकदमा खर्च का भुगतान करने का निर्देश दिया।
पूरा मामला:
शिकायतकर्ता दल्ली अर्चना ने तिरुमाला म्यूजिक प्राइवेट लिमिटेड से एक साल की वारंटी के साथ 20,501 रुपये में पैनासोनिक स्मार्ट एलईडी टीएच 32 एफएसगुड टीवी खरीदा। दो महीने के भीतर, शिकायतकर्ता ने देखा कि टीवी के स्पीकर के साथ एक समस्या थी। टीवी की आवाज अपने आप कम ज्यादा होने लगती थी। कोविड -19 लॉकडाउन के कारण, वह तुरंत रिटेलर या पैनासोनिक से शिकायत दर्ज नहीं कर सकी। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने रिटेलर के पास शिकायत दर्ज की, और बाद में, पैनासोनिक के मैकेनिकों और रिटेलर ने टीवी का निरीक्षण किया और शिकायतकर्ता को सुझाव दिया कि यदि समस्या बनी रहती है तो मदरबोर्ड को बदलने की आवश्यकता होगी। दो दिन बाद टीवी काम करना बंद कर दी। पैनासोनिक और रिटेलर से संपर्क करने के तमाम प्रयासों के बावजूद, शिकायतकर्ता को कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया या जवाब नहीं मिला। फिर, शिकायतकर्ता ने पैनासोनिक और रिटेलर को लीगल नोटिस भेजकर टीवी को बदलने की मांग की। एक इंजीनियर ने टीवी का निरीक्षण करने के लिए दौरा किया और टीवी को बदलने का सुझाव दिया। लेकिन, शिकायतकर्ता को किसी भी पक्ष से कोई जवाब नहीं मिला। परेशान होकर, शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-1, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के जवाब में पैनासोनिक ने शिकायतकर्ता द्वारा किए गए सभी दावों का पूर्णरूप से खंडन किया तथा प्रार्थी द्वारा टीवी खरीदना स्वीकार किया था। पैनासोनिक ने अपने जवाब में स्वीकार किया की प्रारंभिक तौर पर पैनासोनिक के इंजीनियर ने शिकायतकर्ता के अनुरोध पर टीवी का सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया था उस दिन शिकायतकर्ता ने टीवी का संतोषजनक रूप से कार्य करना स्वीकार किया था तथा पांच महीने बाद की गयी शिकायत के समय शिकायतकर्ता ने पैनासोनिक के इंजीनियर को टीवी रिपेयर करने से रोक दिया गया था। जिला आयोग ने पैनासोनिक के दावों को ख़ारिज किया तथा रिटेलर के आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं होने के कारण उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गयी थी।
जिला आयोग ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता ने पैनासोनिक के इंजीनियर के द्वारा की गई पहली सर्विस को स्वीकार किया है, लेकिन इन सब प्रयासों के बावजूद टीवी के साथ विभिन्न प्रकार की खराबी सामने आई, जिसके लिए फिर से टीवी की सर्विस की जरूरत थी जो की समयानुसार नहीं हो पायी है। जिला आयोग ने कहा कि पहली यात्रा के दौरान इंजीनियर द्वारा पाई गई खराबी को “मेन एसीबी प्रॉबलम” के रूप में बताया गया, जबकि दूसरी बार में, आवाज संबन्धित और ब्लूटूथ समस्या” के रूप में बताया गया था। इसलिए, जिला आयोग ने माना कि हालांकि शिकायतकर्ता ने पहली सर्विस को स्वीकार किया, लेकिन टीवी कुछ दिनों के भीतर पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया।
नतीजतन, जिला आयोग ने पैनासोनिक इंडिया और उनके रिटेलर को सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया। आयोग ने पैनासोनिक और रिटेलर को निर्देश दिया कि वे शिकायतकर्ता को उनके टीवी की लागत मूल्य 20,501 रुपये का भुगतान 6 प्रतिशत के ब्याज के साथ अदा करें। माननीय अदालत ने उन्हें शिकायतकर्ता को 20,501 रुपये और मुकदमे की लागत के लिए 5,000 रुपये का मुआवजा अतरिक्त देने का भी निर्देश दिया।
केस टाइटल: दल्ली अर्चना बनाम पैनासोनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य।
केस नंबर: सीसी/67/2021
शिकायतकर्ता के वकील: एसएम काक्षायनी
प्रतिवादी के वकील: गन्नई विवेक कर्रा और लतिका देव